कब तक पत्थर बने रहोगे, कभी तो तुम इंसान बनोगे

माया का जब मार्ग छोड़कर, कर्मों पर पछताओगे
सच्चे जब इंसान बनोगे, माफ़ी तब तुम पाओगे
मिशन ग्रीन के साथ चलोगे, बुधि को बलवान करोगे
कब तक पत्थर बने रहोगे, कभी तो तुम इंसान बनोगे

प्यूरिटी को तुम गले लगा के, इंटरनेट को साफ़ रखोगे
वादा करलो खुद से बंधू , अपनों को तुम माफ़ करोगे
शहर कि खातिर काम करोगे, देश कि तुम पहचान बनोगे
कब तक पत्थर बने रहोगे, कभी तो तुम इंसान बनोगे

बचपन से जो साथ दे रहे, उनका साथ ना छोड़ोगे
केअर करोगे हर पल उनकी, उनसे मूह ना मोड़ोगे
मात पिता के चरणो में , देश का अपने काम करोगे
कब तक पत्थर बने रहोगे, कभी तो तुम इंसान बनोगे

ओबसीन नहीं सोच तुम्हारी, ओबसीन क्यों कपडे हैं
अपनों का जो नाश कर रहे, मदिरा के सब लफड़े है
ग्रीन टेक कि कविता सुनकर, शहर कि अपने शान बनोगे
कब तक पत्थर बने रहोगे, कभी तो तुम इंसान बनोगे

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लाइफ स्टाइल अब लेलो मेरा

एक्सेप्ट करो तुम, हेल्लो मेरा
सोते सोते बिस्तर में
फेस पे लग गया एलो वेरा
ग्रीन टेक का जीवन जी लो
उठकर लेमन वाटर पी लो
आदत अपनी चेंज करो अब
लाइफ स्टाइल अब लेलो मेरा

म्यूजिक को अपनाओ अब तुम
रहो ना यूँ तुम गुम सुम गुम सुम
मिशन ग्रीन को शेयर करो तुम
ग्रीन सांग अब झेलो मेरा
आदत अपनी चेंज करो अब
लाइफ स्टाइल अब लेलो मेरा

बेक पेन से स्पाइन बचा लो
योगा के लिए टाइम निकालो
ग्रीन टेक कि पोएम्स पड़ कर
लाइन्स कि अब तुम राइम निकालो
शहर को अपने बदल रहे जो
ग्रीन हूमन्स का लग गया डेरा
आदत अपनी चेंज करो अब
लाइफ स्टाइल अब लेलो मेरा

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